भोपाल हाट पिरसर में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अंतगर्त अषाढ़ मेले का आयोजन किया । मेले में म.प्र के विभन्न जिलों के स्व सहायता समूहों ने भागीदारी की और अपने अपने उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई और विक्रय किया । मेले में भोपाल के साथ साथ उज्जैन, मंदसौर, मंडला, टीकमगढ़, सीहोर, अशोक नगर, छतरपुर, दमोह आदि जिलों के स्व-सहायता समूहों ने अपने अपने स्टॉल लगाए। बिटक और बाघ प्रिंट के कपड़े, मीनाकारी ज्वैलरी, कलात्मक झाड़ू और टोकिनयाँ, मिटटी के बरतन, सजावटी सामान, दरी-चादर के साथ बड़ी, पापड़, अचार, बिजौर, चना, सत्तू, चावल आदि सामिग्रयाँ भी उपलब्ध थी। मेले में हर उम्र वर्ग के लोगों की खासी भीड़ रही और लोगों ने जमकर खरीदारी की, साथ ही सपिरवार स्वादिष्ट व्यंजनों एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का लुफ्त उठाया।
भोपाल हाट परिसर में लगे श्रावण मेले में लोगों की ख़ासी भीड़ होती हे । लोगों ने मेले में जमकर ख़रीदारी की। मेले का आयोजन मप्र पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की ओर से किया गया। हर बार की तरह इस बार भी मेले में साड़ी, सूट्स, आर्टिफीसियल ज्वेलरी, जरी के पर्स के साथ हेंडीक्राफ्ट के कई स्टॉल लगाए गए। मैटल, बीड्स, स्टोन और वुडेन ज्वेलरी के स्टॉल पर महिलाओ की खूब भीड़ दिखाई दी। मेले में विभिन्न जिलों के स्व सहायता समूह अपने-अपने उत्पाद लेकर आए थे। साथ ही हाट परिसर में बांस शिल्प के भी स्टॉल लगाए गए । बांस के फर्नीचर और खिलोने को लोगों ने काफ़ी पसंद किया । मेले में आंवला जूस, मुरब्बा, जैविक चावल के भी स्टॉल लगे थे। मेले मेंं पारंवारिक और आधुनिक दोनों का अच्छा समन्वय दिखाई दिया। दोपहर से लेकर देर रात तक मेले में भीड़ दिखाई दी । लोग मेला देखने के साथ विभिन्न व्यंजनों के साथ सांस्कृतिक संध्या का भी लुफ्त उठाया ।
ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा प्रायोजित एवं पंचायत ग्रामीण विकास विभाग मध्य प्रदेश द्वारा आयोजित रीजनल सरस मेला भोपाल हाट परिसर में आयोजन किया गया। इस मेले का शुभारंभ स्व सहायता समूह के सदस्यों ने दीप प्रज्विलत कर किया । मेले में 10 राज्यों के 171 समूह के सदस्यों ने हिंसा लिया । पंचायत एवं ग्रामीण विकास की ओर से आयोजित मेले में मप्र के भी 36 जिलों के समूह शामिल हुए। मेले में हस्तिशल्प, हथकरघा वस्त्र, चमड़े के खिलोने, सजावटी सामान और आकृष्ट कलाकृतिया खूब पसंद की गईं । साथ ही दशर्कों के मनोरजं न के लिए लोक नृत्य तथा लोक संगीत का भी योजन हुआ। मेले में आए दर्शको ने अलग-अलग राज्यों के व्यंजनों का भी खूब लुफ्त उठाया। मेले की व्यवस्था काफी सुचारू रूप से की गई थी । सभी ने मेले के आयोजन की काफी प्रशंसा की।